Wednesday, 5 July 2023

बच्चों के लिए अंधविश्वासी मां बाप घातक


गांव से स्कूली पढ़ाई खत्म कर मुझे कॉलेज के लिए शहर में रहना पड़ा। उस समय मैं जहां रहता था ठीक उसके नीचे वाला फ्लोर में पति-पत्नी और उनका एक बच्चा लगभग डेढ़/दो साल का होगा रहते थे। पति-पत्नी दोनों कम पढ़े-लिखे थे, इसलिए कारखाना में मजदूरी करते थे। उसका बच्चा बहुत रोया करता था। जब बच्चा बहुत रोता था, तो उनके माता-पिता सुखी मिर्ची के साथ न जाने क्या-क्या डालकर पूरा घर को धुआं-धुआं कर देता था। जिससे पूरा वातावरण में मिर्ची की खरखराहट आने लगती थी। एक दिन जब बहुत धुआं उठकर खरखराहट करने लगा तब मैं नीचे जाकर देखा तो पूरा हाल में धुआं-धुआं फैला हुआ था, कुछ नजर नहीं आ रहा था। धुएं के कारण नाक से पानी आ रहा था और लगसतार छींक भी। बच्चा बहुत रो रहा था जब मैं इस धुआं के बारे में उनसे पूछा कि कौन किया है यह सब? तो सामने वाला ने बताया कि जब भी बच्चा रोता है ऐसे ही करते हैं। फिर जिसने धुआं किया था वह व्यक्ति बाहर आया। मैं उससे पूछा- भैया यह सब क्या हो रहा है? क्या चीज जला रहे हो? तब उस व्यक्ति ने बताया कि बच्चा रो रहा है इसलिए ठुआ (टोटके) कर रहा हूं। उस समय बहुत धुआं के कारण उसे बस इतना ही कहा इससे बच्चा रोना बंद नहीं करेगा, बल्कि और अधिक रो रहा है, कुछ भी मूर्ख जैसे कर रहे हो। फिर मैं वापस चला आया।

अंधविश्वासी को समझाना कठिन काम

दूसरे दिन उस व्यक्ति से मिला तो उसे समझाया भैया बच्चा रोता है तो उस बच्चे को क्या हुआ है, उसे क्या चाहिए। उस पर ध्यान देना चाहिए, लेकिन आप लोग तो अंधविश्वास में पड़कर बच्चा को कोई कुछ जादू-टोना कर दिया है सोचकर टोना-टोटका करने लग जाते हो। उस व्यक्ति ने कहा आप नहीं मानते हो इसलिए नहीं जानते। जिसका बच्चा रहता है वह सब लोग करते हैं, कह कर चला गया।

धुएं की वजह से मासूम हुआ गंभीर

फिर एक-दो दिन बाद पता चला कि वह मासूम और गंभीर हो गया। तब अड़ोस-पड़ोस के लोगों के समझाने के बाद उसे उसके मां-बाप ने अस्पताल ले गया। अस्पताल में जब डॉक्टर ने देखा तो बताया कि धुएं की वजह से बच्चे को बहुत ज्यादा परेशानी हो रही है और उसका कुछ दिनों तक इलाज किया गया। तब जाकर शिशु ठीक हुआ। ज्यादातर अंधविश्वासी तर्क करना नहीं चाहते और कोई उसे बताए तो वह सुनना नहीं चाहते या उससे पूछे तो उसके पास जवाब नहीं होता है।

धुआं सेहत के लिए हानिकारक

विज्ञान की माने तो धुआं स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक है। उसमें अलग से मिर्ची डालकर और भी घातक बना दिया जाता है। धुएं की वजह से लोगों को सांस लेने में परेशानी होती है, जिससे व्यक्ति की जान भी जा सकती है। इसका मासूम बच्चे पर बहुत ही खतरनाक प्रभाव पड़ता है। उसकी आंख और नाक बहुत ही सेंसिटिव होने के कारण वह धुआं को सह नहीं सकता है। जिससे बड़ी बीमारी हो सकती है या मौत भी हो सकती है।

अंधविश्वास से बचना चाहिए

अंधविश्वास में लोग क्या-क्या नहीं करते खुद के नुकसान तो करता ही है साथ में आस-पास के लोगों को भी परेशानी में डाल देता हैहै। बच्चे के रोने पर धुआं करना बहुत जगहों पर देखा गया है, जिसमें ग्रामीण और शहरी दोनाें जगहों पर ऐसा अंधविश्वास होता रहता है। कई घरों में कमरों को धुआं करते रहते हैं। ऐसे अंधविश्वास से सभी लोगों को बचना चाहिए और अपने आस-पास के लोगों को भी जागरूक करना चाहिए। यहीं नहीं घर में जलाने वाली अगरबत्ती और धूपबत्ती भी स्वास्थ्य के लिए खतरनाक होती है। वैज्ञानिक का मानना है कि अगरबत्ती के धुएं बीड़ी-सिगरेट से भी ज्यादा घातक है। इसलिए धुएं से हमेशा दूर रहे और अपना तन, मन, धन और पर्यावरण को बचाएं।

- मनोवैज्ञानिक टिकेश कुमार, अध्यक्ष, एंटी सुपरस्टीशन ऑर्गेनाइजेशन (एएसओ)

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