भारत
देश में बाबाओं को गिनने चले तो पूरा दिन और पूरी रात बीत जाएगी फिर भी
गिनना आसान नहीं, लेकिन सवाल यह है कि इस आधुनिक समय में भी इस प्रकार के
ढोंगी और बलात्कारी धर्म गुरुओं की संख्या कैसी बढ़ रही है ? अंधभक्तों की
संख्या कैसी बढ़ रही है ? लोग मेहनत पर कम और पूजा-पाठ पर ज्यादा विश्वास
क्यों कर रहे हैं ? ढ़ोगी बाबा की बातों में आकर रुपए कैसे लुटा रहे हैं ?
अपनी बेटी-बहू और बहन को हैवान बाबाओं के आश्रम में भेजकर बलात्कार का
शिकार क्यों बना रहे है ? ये सभी बातें सोचने की है।
तर्कवादी
विचारक पेरयार कहते हैं कि शास्त्र, पुराण और उनमें दर्ज देवी-देवताओं में
मेरी कोई आस्था नहीं है, क्योंकि वो सारे के सारे दोषी हैं। मैं जनता से
उन्हें जलाने तथा नष्ट करने की अपील करता हूं। इस बात पर गौर करें तो जितने
भी सारे सवाल है उनका पूरा जवाब मिल जाता है। बाबा धर्म का अफिम खिलाकर
भक्तों को यर्थाथ से दूर किसी काल्पनिक दुनिया में ले जाता है। इसके बाद
फिर लूट-खसोट का खेल शुरू होता है। फिर अंधभक्त शिष्याें से पैसे,
धन-संपत्ति और हवस की सारी भूख मिटा लेता है। धर्म के धंधे करने वाले लोग
धर्म शास्त्र और देवी-देवताओं का खौफ ऐसा फैलाता है कि कम पढ़े-लिखे लोग
आसानी से इनके जाल में फंस जाते हैं। काल्पनिक भगवान का भय से अनपढ़ के
साथ-साथ महाविद्यालय और विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले लोग भी वैज्ञानिक
विचार को नजरअंदाज कर काल्पनिक और बेतुकी बातों पर विश्वास करने लगते हैं।
सिर्फ विश्वास नहीं करते बल्कि अंधविश्वास फैलाने में भी बड़ी भूमिका
निभाते हैं।
दिल्ली
के एक ज्योतिष स्वंभू अाशु महाराज अपने ही शिष्य महिला और उनकी नाबालिग
बेटी को दिल्ली के आश्रम में रेप किया। इस प्रकार की खबर अब सामान्य हो गई
है। लगातार बाबाओं की पोल खुल रही है। फिर भी उनके भक्तों और शिष्यों की
कमी दिखाई न देना आश्चर्य लगता है। कार्ल मार्क्स ने सही कहा था कि धर्म
अफिम के समान है। आज धर्म आैर धार्मिक कार्य के नाम पर लोग अपनी विवेक
बुद्धि सब खो बैठते हैं। फिर पाखंडी धर्म गुरु अपने चेले को मंदारी का बंदर
जैसा नचाता है। अंधविश्वास की शराब पीकर मदमस्त उनके चेले सुध-बुध खोकर
खूब नाचते हैं। बलात्कार के आरोपी आशु महाराज का असली नाम आसिफ मोहम्मद
है। यह बाबा पहले पंचर बनाने का काम करता था। पुलिस पूछताछ के दौरान उसने
यह बताया कि मुस्लिम धर्मगुरु बनने पर उसे उतने पैसे नहीं मिल सकते थे
जितने हिंदू धर्मगुरु बनने पर मिलते। आशु नाम रखते ही उसका ज्योतिष
का धंधा चल निकला। इसी प्रकार अपने आपको बापू करने वाले मासूम बेटी से
बलात्कार करने के जुर्म में जेल की हवा खा रहा है। बिलकुल सही पहचाना बात
आसाराम की हो रही है। आसाराम ने धर्म की दुकान गुजरात के अहमदाबाद से कर
पूरे देशभर में धंधा फैलाया। इनके इतने भक्त हो गए कि जब कोर्ट ने इसे
उम्रकैद की सजा दी तो उनके अंधभक्तों की भीड़ भारी हंगामा और प्रदर्शन करने
लगे। मार्डन और राकस्टार बाबा भी खूब चला भक्तों के बीच। जी हां राम रहीम।
सिरसा के डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को पिछले साल रेप के
मामले में दोषी पाया गया। ये बाबा खूद अपने भक्तों को लुभाने के लिए फिल्म
बनाया और बतौर एक्टर काम भी किया। रामरहीम का काला चेहारा दिखाने में
रामचंद्र छत्रपति की बड़ी भूमिका रही। जिनकी कीमत पत्रकार को जान से चुकानी
पड़ी।
इस
प्रकार रामपाल, दाती महाराज, राधे मां, सच्चिदानंद गिरी, ओम बाबा, निर्मल
बाबा, भीमानंद महाराज, बृहस्पति गिरी, नारायण साईं और बाबाओं धर्म के
धंधेबाजों की सूची लंबी होती जाएगी।
- गौतम गणपत
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