देश में अब स्थिति पूरी तरह से बदली-बदली नजर आ रही है। जहां-जहां भाजपा की सत्ता है,
वहां-वहां पूरी तरह से भगवाकरण करने की कोशिश हो रही है। यूपी में ताजमहल
को पर्यटन स्थल की सूची से हटाना और हिंदू धार्मिक स्थलों का जोरशोर से
प्रचार करने के बाद अब उत्तरप्रदेश के सभी सिनेमाहालों में राष्ट्रगान के
बाद इलाहाबाद में होने वाले कुंभ मेले का लोगों और टैगलाइन हर शो में दिखाने का फरमान यहां
के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जारी कर दिया है।
इसका मकसद धार्मिक और भगवा रंग में युवाओं को रंगना
है। वहीं दूसरी तरफ देखे तो महाराष्ट्र के कोरेगांव भीमा में दलितों के विजय उत्सव में बीजेपी, आरएसएस और अन्य हिं दू कट्टरपंथियों द्वारा पत्थरबा जी करने की घटना बहुत ही निदं दनीय है। जब दलित ने दो सौ
साल पहले 1 जनवरी 1818 में मात्र 8 सौ दलितों की फौज ने
अंग्रेजों की ओर से पेशआ बाजुरा व द्वितीय के 28 हजार सेना को
हराया था, उस खुशी में दलित इस दिन को धूमधाम से मनाते हैं। इतने वर्षों तक
कभी किसी को आपत्ति नहीं हुई, लेकिन अचानक ही इस समारोह में दक्षिणपंथी
लोगों ने पत्थरबाजी शुरू कर दी। जिससे पूरे महाराष्ट्र में हिंसा की आग अभी
भी सुलग रही है। लेकिन अभी तक महाराष्ट्र के भाजपा मुख्यमंत्री देवेंद्र
फडणवीस ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है। पिछले कुछ दिनों की बात करे तो
भाजपा के केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री अनंत कुमार हेगड़े के
भाजपा की सोच को बताते हुए धर्मनिरपेक्षता को संविधान से हटाने की बात
बेशर्मी से कह कर भारतीय संविधान का अपमान किया है। हेगड़े का कहना है कि
देश की धर्मनिरपेक्षता को खत्म कर हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए संविधान में
बदलाव लाने की जरूरत है। इस प्रकार का बयान भारत की अंखंडता और
धर्मनिरपेक्षता को तोड़ने की ओर संकेत कर रहा है। वहीं गुजरात और हिमाचल
प्रदेश में भाजपा की जीत से फिर से यह पार्टी बहुत घमंडी हो गई। अब पूरी तरह से
तानाशाही में उतर आई
है। यह देश के भविष्य के लिए बहुत ही खतरनाक संकेत है।
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