Tuesday, 24 August 2021

हिंदू कौन है ?

धर्म की राजनीति करने वालों ने,
देश के भोले-भाले लोगों के मन में,
धर्म के नाम पर नफरत करना सिखाया 
समाज में धर्म के जहर फैलाया
लोगों को धर्म के जहर का घूंट पिलाया
हिंदू-मुस्लिम के नाम से लड़ाया
 
पांच प्रतिशत मनुवादी हिंदू,
ओबीसी, एसटी, एससी को हिंदू बताया
वोटबैंक के लिए लोगों को हिंदू बताया
कौन कहता है ओबीसी हिंदू है?
कौन कहता है एसटी हिंदू है?
कौन कहता है एससी हिंदू है?

इतिहास गवाह है
हमें जबर्दस्ती हिंदू बताया गया है 
हमें हिंदू धर्म देकर नीची जाति बताई गई
चार वर्ण में हमें शूद्र नीच बताया गया हैं
और हम पर हिंदू के नाम पर शोषण किया
आर्य (ब्राम्हण) ने हमें भाई बताकर ठगा हैं

आर्य कौन है?
आर्य भी विदेशी हैं, ईरानी हैं,
आर्य सबसे पहले भारत में 
मूलनिवासी को खदेड़ कर बसा
जिसे अब ब्राम्हण कहते हैं

हमारे हाथ में मनुस्मृति देकर
हमें भगवान की पूजा करने को कहा
और हम पूजा-पाठ में मस्त थे
ये लोग हमारी जमीन छीन ली
क्या अब भी हम हिंदू हैं?

- टिकेश कुमार

जनता होवत हे दारू म बर्बाद

दारू ल बंद कर देतेव ग सरकार
जनता होवत हे दारू म बर्बाद।
दिनभर हटर-हटर मेहनत करथे
संझा होते साथ दारू भट्टी जाथे।

पिथे ताहन नसा के भूत चढ़ जाथे
घर के कपाट ल गारी देके खटखटाथे
डउकी निकलथे त बाजा कस बजाथे
फेर घर म कूद-कूद के लड़ई मचाथे।

कतेक मनखे के घर-द्वार छुटगे
कतेक घर दारू म जलगे
कतेक खेत दारू म बिकगे
कतेक मनखे अपराधी बनगे।

दारू के सेती घर बिगड़गे
दारू के सेती गांव बिगड़गे
दारू के सेती राज-देस सड़गे।

दारू ले नेता अउ चमचा बनगे
दारू ले राजनीति बिगड़गे
दारू म मतदाता बिकगे
फेर बिकगे पूरा देस
अब तो बंद कर देतेव ग सरकार
जनता होवत हे दारू म बर्बाद।

- टिकेश कुमार, रायपुर

नई सुबह पुकार रही

सत्ता के लिए
जनता को धर्म के नाम पर लड़ाकर
खुद कुर्सी पर बैठ गया
सत्ता की कुर्सी ऐसी है कि 
बैठते ही चुम्बक की तरह चिपक जाते हैं

चुनाव आते ही
नेताओं पर धर्म का रंग चढ़ जाते हैं
राम के नाम पर
मंदिर के निर्माण पर
जात-धर्म के नाम पर
वोट मांगने लगते हैं

स्वास्थ्य,शिक्षा, सुरक्षा व रोजगार
जैसी मूलभूत आवश्यकता को
तिलांजलि देकर
हिन्दू के नाम पर
चुनाव जीतकर
पूंजीपतियों की सेवा में लग जाते हैं

जनता से अपील हैं
कब तक धर्म की काली रात में
रहोगें
कब तक धर्म की गहरी नींद में
सोएंगे
उठो मेरे योद्धाओं
नई सुबह हमें पुकार रही हैं
उठो मेरे वीरों
नई सुबह की रोशनी जगा रही हैं।

-टिकेश कुमार

नास्तिक

मनुष्य जन्म से नास्तिक होता हैं।
पैदा होने के बाद 
उसके वातावरण जैसा होता हैं, 
वैसे ही बन जाते हैं।

जो व्यक्ति विज्ञान को मानते हैं,
उसके बच्चे नास्तिक बन जाते हैं।

जिस परिवार में अंधविश्वास 
और धार्मिक पाखंड है,
उस परिवार के बच्चे 
आस्तिक बन जाते हैं।

कुछ बच्चे ऐसे भी होते हैं,
जो आस्तिक वातावरण में 
पैदा होने के बाद भी 
नास्तिक बन जाते हैं।
इसका कारण है, 
ये वातावरण से संघर्ष करते हैं,
वैज्ञानिक तर्क से अध्ययन करते हैं 
और विवेक से सोचते हैं।

-टिकेश कुमार

लड़ाई में साथ दें

फूल- जल, जंगल और जमीन
पौधे - मूलनिवासी, आदिवासी और जनता
कांटे - नक्सली (माओवादी)
फूल को तोड़ने वाली- सरकार
पौधों और कांटों को नष्ट करके 
फूलों पर कब्जा करने वाला - पूंजीपति।

सरकार फूलों को तोड़कर 
पूंजीपतियों को देना चाहती है
पौधे फूलों को छोड़ना नहीं चाहते,
इसलिए सरकार से लड़ने के लिए तैयार हैं।

कांटे फूल की हिफाजत करते हैं,
कभी-कभी पौधों को भी चुभ जाते हैं
आज फूल और पौधे बचे हैं 
उसका मुख्य कारण कांटे हैं।

पूंजीपति चाहते हैं, 
फूल उसके पास हो
जिससे फूलों का मीठा रस 
पीकर पले-बढ़े
पूंजीपति के इशारे पर 
सरकार बार-बार फूलों के लिए
पौधों पर हमला करती हैं
लेकिन कांटे बीच में आकर 
रास्ता रोक देते हैं।

एक ओर सरकार 
पौधों की रक्षा करने का ढोंग करती है,
दूसरी ओर सैनिक कैंप लगाकर 
पौधों के ऊपर अत्याचार करती है।

कांटों को खत्म करने के नाम पर
सरकार अरबों रुपए खर्च करती हैं
कांटे को खत्म करते-करते 
कहीं पौधों को ही 
जड़ से खत्म न कर बैठे।

हम सब को चाहिए कि फूलों को
पूंजीपति के हाथों में जाने से रोके
फूलों की हिफाजत करें, 
पौधों की इस लड़ाई में साथ दें।

- टिकेश कुमार

भारत के प्रमुख नास्तिक

भारत के प्रमुख नास्तिक

1. महात्मा गौतम बुद्ध

2. तीर्थकर महावीर

3. अजित केशकम्बल

4. धर्मकीर्ति

5. एच.एल.बी. डेरोजियो

6. ज्योतिबा फुले

7. राधामोहन गोकुलजी

8. स्वामी अछूतानंद 

9. पेरियार ई.वी. रामासामी

10. प्रेमचंद

11. लाला हरदयाल

12. मानवेन्द्र नाथ रॉय

13. स्वामी सहजानंद सरस्वती

14. जवाहर लाल नेहरू 

15. भीमराव आंबेडकर

16. जे. बी. एस. हाल्डेन

17. राहुल सांकृत्यायन

18. गुरबक्श सिंह 'प्रीत लड़ी

19. अब्राहम टी. कोवूर

20. के. शिवराम कारंत

21. गोपारातू रामचंद्र गोरा

22. शहीद भगत सिंह

23. दामोदर धर्मानंद कोशाम्बी 

24. मख्दूम मोहियुद्दीन

25. ई.एम.एस. नंबूदिरीपाद

26. विट्ठल महादेव तारकुंडे

27. महाकवि श्री श्री

28. डॉ. राममनोहर लोहिया

29. एस चन्द्रशेखर 

30. नागार्जुन

31. केदारनाथ अग्रवाल

32. फैज अहमद फैज

33. ललई सिंह यादव 

34. रामविलास शर्मा

35. सरस्वती गोरा

36. हंसराज रहबर

37. बलराज साहनी

38. अली सरदार जाफरी

39. ज्योति बसु

40. लक्ष्मी स्वामिनाथन सहगल

41. बाबा आम्टे

42. खुशवंत सिंह

43. हरकिशन सिंह सुरजीत

44. गजानन माधव मुक्तिबोध

45. शिवदान सिंह चौहान

46. देवीप्रसाद चटोपाध्याय

47. ए.बी. शाह

48. शिबनरायन रे

49. साहिर लुधियानवी

50. भारतरत्न सत्यजित रॉय

51. मधु लिमये

52. रांगेय राघव

53. रामस्वरूप वर्मा

54. डॉ. दत्तात्रेय धोंडोपंत 

55. अबू अब्राहम 

56. आर. पी. सराफ

57. महाश्वेता देवी

58. डॉ. मस्तराम कपूर

59. राही मासूम रजा

60. डॉ. श्रीराम लागू

61. विजय तेंदूकर

62. डॉ. पुष्प मित्र भार्गव

63. सच्चिदानंद सिन्हा

64. किशन पटनायक

65. बासव प्रेमानंद 

66. गीतेश शर्मा

67. अमर्त्य सेन

68. डॉ. के. वीरामणि 

69. मनिशंकर अय्यर

70. स्वामिनाथन अय्यर

71. शंकर गुहा नियोगी 

72. हमीद दलवाई

73. जावेद अख्तर

74. डॉ. नरेंद्र दाभोलकर

75. माणिक सरकार

76. विनायक सेन

77. कमल हासन

78 अरुंधती रॉय 

79. रामगोपाल वर्मा

80. तसलीमा नसरीन