Tuesday, 24 August 2021

लड़ाई में साथ दें

फूल- जल, जंगल और जमीन
पौधे - मूलनिवासी, आदिवासी और जनता
कांटे - नक्सली (माओवादी)
फूल को तोड़ने वाली- सरकार
पौधों और कांटों को नष्ट करके 
फूलों पर कब्जा करने वाला - पूंजीपति।

सरकार फूलों को तोड़कर 
पूंजीपतियों को देना चाहती है
पौधे फूलों को छोड़ना नहीं चाहते,
इसलिए सरकार से लड़ने के लिए तैयार हैं।

कांटे फूल की हिफाजत करते हैं,
कभी-कभी पौधों को भी चुभ जाते हैं
आज फूल और पौधे बचे हैं 
उसका मुख्य कारण कांटे हैं।

पूंजीपति चाहते हैं, 
फूल उसके पास हो
जिससे फूलों का मीठा रस 
पीकर पले-बढ़े
पूंजीपति के इशारे पर 
सरकार बार-बार फूलों के लिए
पौधों पर हमला करती हैं
लेकिन कांटे बीच में आकर 
रास्ता रोक देते हैं।

एक ओर सरकार 
पौधों की रक्षा करने का ढोंग करती है,
दूसरी ओर सैनिक कैंप लगाकर 
पौधों के ऊपर अत्याचार करती है।

कांटों को खत्म करने के नाम पर
सरकार अरबों रुपए खर्च करती हैं
कांटे को खत्म करते-करते 
कहीं पौधों को ही 
जड़ से खत्म न कर बैठे।

हम सब को चाहिए कि फूलों को
पूंजीपति के हाथों में जाने से रोके
फूलों की हिफाजत करें, 
पौधों की इस लड़ाई में साथ दें।

- टिकेश कुमार

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