वैज्ञानिक चांद पर पहुंचे
चाहे पहुंचे मंगल पर
राहु-केतु और शनि का डर
लोगों को नहीं छोड़ेगा
शुभ-अशुभ का भय नहीं छोड़ेगा
अंधविश्वास लोगों को नहीं छोड़ेगा
पाखंड करना लोग नहीं छोड़ेंगे
जाति का भेदभाव नहीं छूटेगा
धर्म के नाम पर लड़ना नहीं छोड़ेंगे
अज्ञानी लोग यही कहेंगे
सूर्य को हनुमान ने निगल लिया था
तो चंद्र में पहुंचना कौन सी बड़ी बात है
धर्म ने पहले से ही खोज कर ली थी
जब धर्म ने सब कुछ खोज ली
तो इतनी खर्च करके
चांद में जाने की क्या जरूरत
एक मंत्र मारो और चांद पर जाओ
विज्ञान कितना भी तरक्की करे
जब तक अंधविश्वास है
आम जनता की तरक्की नहीं होगी
खोजते रह जाएंगे पाखंड में ज्ञान
और पाखंड करते-करते
पृथ्वी भी खत्म न हो जाए
फिर कहां का चांद
और कहां की धरती
सब खत्म हो जाएंगे एक साथ
इसलिए महामानव बुद्ध कह गए
पाखंड छोड़ो, अंधविश्वास मिटाओ
धरती को एक नई दुनिया बनाओ
इंसान-इंसान की खून से न खेले
ऐसा एक संसार बनाओ
- मनोवैज्ञानिक टिकेश कुमार
अध्यक्ष, एंटी सुपरस्टीशन ऑर्गेनाइजेशन (एएसओ)
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