भारतीय समाज झाड़-फूंक, तंत्र-मंत्र और जादू-टोने के जाल में पूरी तरह से फंसा हुआ है। लोग तांत्रिक के जाल में आसानी से फंसकर अपनी मेहनत से कमाए हुए धन को तांत्रिक (बैगा) और धार्मिक लुटेरे को आसानी से लुटा देते हैं। हर व्यक्ति को चमत्कार चाहिए। जिसका फायदा ओझा-तांत्रिक को मिलता है इसीलिए तांत्रिक चमत्कार दिखाकर लोगों को ठगता है। उस चमत्कार में लोगों को अद्भुत दैवीय शक्ति दिखती है, कुछ लोग तो पाखंडी तांत्रिक को ही भगवान मानने लगते हैं और उसकी जय-जयकार करने लगते हैं। अंधविश्वासी लोग अपने पाखंडी गुरु के विरुद्ध एक शब्द भी नहीं सुनना चाहते। चाहे वह बात कितनी भी सत्य की कसौटी पर खरी उतरे, उस बात को आसानी से टाल देता है और उल्टा कहेंगे कि हमारे धर्म के बारे में कुछ न कहिए।
धर्म के नाम पर लूटना आसान
आज धर्म के नाम पर लूटना इतना सरल है जितना कागज को जलाना। जितने भी तांत्रिक है अपने आप को अल्लाह, भगवान और गॉड के दूत या खुद को भगवान समझता है, इसेके नाम से चमत्कार करता है और आम लोगों को लूटता है। लूट रहा है ये बात जानते हुए भी लोग उसका खुलकर विरोध नहीं कर सकते, क्योंकि धर्म का मामला है, आस्था और श्रद्धा को ठेस नहीं पहुंचना चाहिए सोचकर मुहं बंद कर लेते हैं और धार्मिक अंधविश्वास तेजी से आगे बढ़ता है।
जितने भी धर्म के लोग आज दिख रहे हैं सब इंसानियत के खून करने से नहीं हिचकिचाते हैं, जब भी जरूरत पड़े धर्म की रक्षा के लिए मनुष्य का कत्ल करते आ रहे हैं। यहां पर मुझे महापंडित राहुल सांस्कृत्यायन के कहे शब्द याद आते हैं- "मजहब तो है सिखाता आपस में बैर रखना। भाई को सिखाता भाई का खून पीना।" हिंदुस्तानियों की एकता मजहबों के मेल पर नहीं होगी, बल्कि मजहबों की चिता पर। कौए को धोकर हंस नहीं बनाया जा सकता। मजहबों की बीमारी स्वाभाविक है। उसका, मौत को छोड़कर इलाज नहीं।
क्या मनुष्य से बड़ा धर्म है? धर्म को मनुष्य ने बनाया है या मनुष्य को धर्म ने बनाया? सोचने वाली बात तब होती है जब कट्टरपंथी धर्म रक्षा के नाम पर मनुष्य के कत्ल कर अपने आप को धर्म रक्षक समझता है। धर्म रक्षक नहीं भक्षक है।
चमत्कार में न पड़े
कोई दैवीय शक्ति से चमत्कार नहीं होता है इसके पीछे वैज्ञानिक विधि रहता है या हाथ की सफाई। ऐसे कथित चमत्कारों और पाखंडियों की पोल खोलने का काम हमारा संगठन लगातार कर रहा है। संगठन के कार्यकर्ता लगातार लोगों के बीच जाकर जन-जागरूकता अभियान चला रहे हैं। हमारे साथी कार्यक्रम के दौरान सभी कथित चमत्कार करके दिखाते हैं और यह कैसे होता है उसे भी बताते हैं। जिससे आम जनता पाखंडियों की लूट से बच सकें।
- मनोवैज्ञानिक टिकेश कुमार, अध्यक्ष, एंटी सुपरस्टीशन ऑर्गेनाजेशन (एएसओ)
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