Wednesday, 21 August 2024

हिंदुओं को 4 बच्चे पैदा करने की सलाह देने वाले बताएं पालेंगे कौन?


इसी प्रदीप मिश्रा को अंधभक्त सुनने जाते हैं। कुछ भी बोल दिया और ये लोग उसे मान लिए। कभी अपने दिमाग का उपयोग कीजिए और सोचिए एक लोटा जल से कोई समस्या का हल नहीं हो सकता। ना ही कोई बच्चा बिना पढ़े बेल पत्र के भरोसे पास हो सकता है। अब प्रदीप मिश्रा ने चार बच्चे पैदा करने की बात कही है। दो बच्चे अपने लिए एक बच्चा सनातन के लिए और एक बच्चा सेना के लिए कहते हुए चार बच्चे पैदा करने की बात कही। ऐसा बयान ज्यादातर सनातन धर्म में आते रहते हैं, लेकिन इसमें कुछ होना जाना नहीं। बस कथा वाचक को क्या है, जो भी मुंह में आए बक देता है।

हमारा देश जनसंख्या के नाम पर विश्व में प्रथम स्थान पर है। जरा सोचिए जनसंख्या अगर ज्यादा है तो हमें क्या नुकसान है। आप यह मत कहना कि मुस्लिम तो दो बीवियां रखता है, बच्चे भी ज्यादा पैदा करता है। मुझे पता है बहुत लोग बिना जाने-समझे ऐसी बातें करते रहते हैं। आप को एक उदाहरण से समझाने का प्रयास करता हूं। आप दो भाई और एक बहन हैं, आपके पिता के पास 20 एकड़ जमीन है, जब ये जमीन पिता से आप दोनों भाई और एक बहन के पास जाएगी तो कितनी-कितनी जमीन मिलेगी। वहीं 6 एकड़ के आस-पास। फिर आप चार बच्चे पैदा करेंगे तो चारों को बांटने पर डेढ़ एकड़ ही बचेगी। इस प्रकार की जमीन कम होती जाएगी। रहने के लिए जगह नहीं रहेगी और भीषण गर्मी का सामना करते हुए खाने-पीने के सामान में भी कमी होती जाएगी। मंहगाई बढ़ेगी। इस प्रकार न जाने क्या-क्या मुसीबतों से सामना करना पड़ेगा। चार बच्चे को पैदा करने से लेकर उसे जिंदा रखने के लिए मां-बाप को कितनी कठनाइयों का सामना करना पड़ेगा। आज एक बच्चा को पालना कठिन है तो चार बच्चे को पालना बहुत मुश्किल काम है। बच्चे के खाने-पीने, कपड़े, दवाइयां, पढ़ने के लिए अच्छा स्कूल, अच्छी किताबें ये सब कौन देगा।

हां मुफ्त में कुछ नहीं मिलेगा, सब झूठा वादा है, सत्ता पाने के लिए। असल में मुफ्त तो धर्म के ठेकदारों और सत्ता सुख भोगने वालों को मिलता है। उसकी नकल आम जनता नहीं कर सकती है। महंगाई तो आम जनता को जीने नहीं दे रही। मजदूर और किसान को कड़ी धूप में मेहनत करने के बाद दो वक्त की रोटी मिल पा रही है। धर्म के ठेकेदार चार बच्चे पैदा करने को कहकर इनके मजाक बना रहे हैं। खुद तो एक-दो बच्चे या बच्चे ही पैदा नहीं करते और दूसरों को चार बच्चे पैदा करने की बात कहकर देश के मुफलिसों से मजाक कर रहे हैं। चार बच्चे पैदा करने पर इन बच्चों का पालन-पोषण कौन करेगा। हिन्दूओं में ही बहुत से लोगों का चार से आठ बच्चे हैं। कभी सनातन हिन्दू कहने वालों को उन बच्चों को देखकर इन पाखंडियों के मन में कुछ दया आया होगा। ज्यादा बच्चे रखने का दर्द क्या होता है उन माता-पिता से पूछिए जो अपने परिवार के पेट भरने के लिए दिन और रात जद्दोजहद कर रहे हैं। उनके पास न तो ठीक से तन ढ़कने के लिए कपड़े है और न हीं धूप, ठंड और बारिश से बचने के लिए छप्पर है। इनके दर्द को समझने का प्रयास कभी सनातन ने नहीं किया? 

-मनोवैज्ञानिक टिकेश कुमार, अध्यक्ष, एंटी सुपरस्टीशन ऑर्गेनाइजेशन (एएसओ)

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