Wednesday, 21 August 2024

खेती-बाड़ी को लेकर अंधविश्वास


आधुनिक युग में भी हमारा देश अंधविश्वास के जाल से नहीं निकल पाया है। आज भी लोग चमत्कार, जादू-टोने, तंत्रमंत्र और झाड़फूंक जैसी बातों को मानते हैं। इसके कारण बहुत से घर बर्बाद हुए हैं और एक दूसरे की जान लेने को उतावले हुए हैं, बहुत सी जान गई हैं।

जमीन को भी जादू-टोना, तंत्रमंत्र से बिगाड़ा है ऐसा मानने वाला आज भी है। आज भी लोग अज्ञानतावस जमीन, खेत को झाड़ फूंक करने से पीछे नहीं हटते।

एक दिन की बात है खेती बाड़ी की बात चल रही थी। चर्चा करने वालों में पुरुष के साथ महिलाएं अधिक थीं। अंधविश्वास में पुरुष से आगे महिलाएं सबसे आगे निकल गई हैं और यहां भी ऐसा ही हुआ।

चर्चा चल ही रही थी तभी एक महिला कहती है कि मेरी बाड़ी को किसी ने कुछ (नजर) कर दिया है। मैं फिर एक बार पूछा क्या कर दिया है? वह फिर कहती है कि किसी ने टोना टोटका कर दिया है। आपको कैसे पता चला! मैंने पूछा।

महिला कहती है - बहुत दिनों से जमीन पर कुछ नहीं हो रहा है। पहले टमाटर की खेती करते थे बहुत टमाटर होते थे, लेकिन अब ठीक से नहीं होता है। इसलिए हम बोना बंद कर दिए।

मैंने पूछा- कब की बात है? पूछते हुए मैं सोचने लगा ऐसा कैसे हुआ होगा?
महिला कहती है दो साल पहले की बात है। हर साल टमाटर लगाते थे, बहुत कमाई होती थी। पहले साल तो कुछ कम हुआ, लेकिन दूसरे साल से टमाटर से खेत भरने लगा, अच्छा पैदावार हुआ, लेकिन चौथे साल से ही बहुत कम हो गया। टमाटर के पौधे में फल नहीं के बराबर लगने लगा तब से खेती करना बंद कर दिए। जब खेत ही बिगड़ गया तो खेती करने से क्या फायदा।

मैं समझ गया। सब्जी की खेती करने से पहले कुछ सावधानियां रखनी पड़ती हैं, जैसे खेत को अच्छी तरह से जोताई की जाए और कुछ समय के लिए सुखाया जाए, जिससे मिट्टी भुरभुरी हो जाए और खरपतवार के साथ फसल को नुकसान करने वाला रोग नष्ट हो जाए। एक बात प्रमुख रूप से ध्यान देना चाहिए कि एक ही फसल को एक ही स्थान पर बार बार नहीं लगाना चाहिए। हर बार एक फसल लेने के बाद दूसरी बार अलग फसल की खेती करनी चाहिए। जैसे अभी गोभी की खेती की है तो दूसरी बार लौकी, तोरई, करेला या टमाटर। स्थान बदलकर खेती करनी चाहिए।

लगातार उसी उसी की खेती करने से पैदावार धीरे-धीरे गिरता जाता है। ठीक ऐसा ही हुआ। लगातार टमाटर की खेती करने के कारण चार साल तक पैदावार हुआ उसके बाद फल धीरे धीरे कम होता गया। इसी को जादू टोना समझ गया। सही कारण का पता नहीं होने के कारण अंधविश्वास में पड़ गया।

अंधविश्वास में पड़ने का कारण अज्ञानता भी है। यहां एक ही फसल को लगातार नहीं लेना था। महिला को इसका ज्ञान नहीं था इसलिए जादू टोना समझ लिया। अगर ज्ञान होता तो एक ही फसल को एक ही जगह पर बार बार बोवाई नहीं करती जिससे अंधविश्वास में नहीं पड़ती।

समस्या है उसका निदान भी है, लेकिन हम उसका निदान किस तरह खोज रहे हैं, आपके ऊपर निर्भर करता है। बिना जाने समझे भगवान भरोसे निदान खोजेगे तो अंधविश्वास में ही पड़ेंगे। इसलिए कारण को समझे और उसका निदान करने की कोशिश करे।

- मनोवैज्ञानिक टिकेश कुमार, अध्यक्ष, एंटी सुपरस्टीशन ऑर्गेनाइजेशन (एएसओ)

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