Sunday, 26 December 2021
अंधविश्वास उन्मूलन कार्यक्रम और प्रशिक्षण शिविर 4 जनवरी से
Wednesday, 15 December 2021
टिकेश कुमार बने एएसओ के अध्यक्ष, गौरव, जितेंद्र और राजू को भी मिली बड़ी जिम्मेदारी
Sunday, 21 November 2021
नींबू-मिर्च लटकाना अंधविश्वास का प्रतीक
Thursday, 11 November 2021
Wednesday, 3 November 2021
हम पटाखे जरूर फोड़ेंगे
Monday, 1 November 2021
फोकट के जान हथेली म काबर
Thursday, 14 October 2021
क्या होगा देश का ?
Thursday, 7 October 2021
'राम वन गमन पथ' बीजेपी की राह पर कांग्रेस
आदिवासी और छत्तीसगढ़ के हितैषी होने का ढोंग करने वाले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल यहां की आदिवासी संस्कृति को हमेशा रौंदने का काम किया है. कांग्रेस की सरकार रामायण कार्यक्रम, कौशिल्या मंदिर और राम गमन पथ के लिए सैकड़ो करोड़ रुपए बर्बाद कर रही है. राम के प्रति इतनी भक्ति है तो भक्त होने का ढोंग करने वाले अपने घर के पैसे से अपनी जमीन पर मंदिर क्यों नहीं बनाते. जनता के पैसे और सरकारी जमीन पर धार्मिक कर्म क्यों?
भूपेश बघेल अपने को किसानों के हितैषी होने का ढिंढोरा पिटते हैं, लेकिन यहां के किसानों और आदिवासियों को उनका सही हक दिलाने की जगह आरएसएस के एजेंडे को लागू करने में लगे हुए हैं. छत्तीसगढ़ के बस्तर में आदिवासियों की गुड़ी को तोड़कर राम वन गमन पथ बनाया जा रहा है. सरकार आदिवासियों की संस्कृति और पहचान पर बुलडोजर चलाने का काम कर रही है.
छत्तीसगढ़ में जाति और धर्म के नाम पर कभी लड़ाई नहीं हो रही थी, लेकिन अब यहां लगातार अल्पसंख्यकों पर हमले हो रहे हैं. पिछले महीने छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के पुरानी बस्ती थाने के अंदर दक्षिणपंथी हिंदू भीड़ ने एक पादरी की जूते-चप्पल से पिटाई कर दी. लेकिन पुलिस मूकदर्शक बने देखती रही. कवर्धा में मुस्लिम समुदायों पर रोज हमले हो रहे हैं. सोशल मीडिया पर कई वीडियो वायरल हो रहे हैं, लेकिन सरकार इसे रोकने पर पूरी तरह से नाकाम हो गई है. अब यह नफरत की आग प्रदेशभर में फैले इससे पहले सरकार को कोई ठोस कदम उठाना होगा.
वहीं दूसरी तरफ बीजेपी के नेता छत्तीसगढ़ को धर्म के नाम पर बांटने और माहौल खराब कर अपनी राजनितिक रोटी सेंकने में लगी हुई है. भाजपा की सरकार हमेशा किसानों और मजदूरों की उपेक्षा करती आ रही है. अपनी ओझी मानसिकता की वजह से यहां की भोली-भाली जनता को जाति-धर्म के मुद्दे में उलझाकर मूलभूत समस्या से दूर रख रही है. अब यहां के लोगों को समझना है कि हमें मोहब्बत की राह पर चलना है या नफरत के पथ पर.
- टिकेश कुमार