हमारे देश में लड़कियों-महिलाओं को
देवी मानकर पूजा की जाती है, लेकिन दूसरी तरफ भगवा भाजपा सरकार लड़कियों को
कमरे में जंजीर से बांध कर रखने की कोशिश कर रही है। पिछले दिनों ऐसे कई
घटनाएं छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, हरियाणा, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय और कई
अन्य स्थानों से सामने आई। इस पर गाैर करे ताे लड़कियों को लेकर भाजपा की
ओछी मानसिकता साफ दिखती है। अभी-अभी मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में
कोचिंग से लौटती छात्रा के साथ सामुहिक बलात्कार हुआ। जिसके
खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए उनके पालक ने थाना में गुहार लगाई,
लेकिन एक दिन तक एफआईआर दर्ज भी नहीं हुई। ले दे के रिपोर्ट होने के बाद
अभी तक ठोस कार्रवाई नहीं हुई। बलात्कार की इस घटना पर मध्यप्रदेश के सभी
लड़कियों का मामा कहलाने वाले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अब लड़कियों
को शाम सात बजे के बाद घर से बाहर नहीं निकलने का आदेश जारी कर दिया गया
है। वहीं कोचिंग सेंटर संचालकों को भी यह आदेश जारी किया है कि शाम सात बजे
के बाद किसी भी छात्राओं को नहीं पढ़ाया जाए, अगर पढ़ाते हैं, तो उसका
जिम्मेदारी खुद ले। इस प्रकार की सोच आधुनिक समय में कितना जायज है। क्या
हम फिर से लड़कियाें को घर के कमरे में कैद करके रखना चाहते है। अगर
लड़कियों के शाम को निकलने से बलात्कार होता है तो क्यो न बलात्कारी लड़कों
को शाम होते ही कमरे में बांध कर रखने का आदेश दिया जाए।
छत्तीसगढ़
में भी लगातार बस्तर की आदिवासी महिलाओं और लड़कियों के साथ पुलिस
कर्मचारियों द्वारा लगातार बलात्कार की घटना सामने आती है, लेकिन ठोस
कार्रवाई नहीं होती है। कुछ महिने पहले रक्षाबंधन के दिन बस्तर के एक स्कूल
कार्यक्रम में जवानों द्वारा टायलेट में घुसकर स्कूली लड़कियों के साथ
छेड़छाड़ करने की घटना हुई थी। जिस पर सरकार और शासन-प्रशासन ने कोई गंभीर
कार्रवाई नहीं की। वहीं पिछले समय हरियाणा के बीजेपी नेता के बेटे ने एक
लड़की की कार का पीछा करने और बलात्कार करने की कोशिश
की। लड़की ने साहस के साथ कार को
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