Tuesday, 14 November 2017

छत्तीसगढ़, छत्तीसगढ़ी, छत्तीसगढ़िया के कदर नही अउ मनावत हे राज उछाह


जबले छत्तीसगढ राज ह बने हे तब ले सरकार ह लगातार राज उछाह मनावत हे। भले किसान मन आत्महत्या करे, लइका मन ह भोकवा राहय, जवान टूरा-टूरी मन बेरोजगार घुमय, रसपताल म मरीज ह इलाज बिना तरस के मर जाय, मजदूर अउ किसान ल ओकर मेहनत के पइसा मत मिलय, इस्कूल कालेज म गुरुजी मत रहाय, भले सरकारी स्कूल अउ कालेज ल बंद करके प्राइवेट स्कूल कालेज के दलाली करे अउ कतेक समस्या ल आेरयाबे। इहा तो सरकार ह छत्तीसगढ़िया मन ल ठग के छत्तीसगढ़ ल बेचे म पूरा ताकत ल लगा देहे। जनता ल भुलवारे बर आनीबानी के जाल ल बिछावत हे। अब राज उछाह ल लेके रमन कका ह पइसा ल पानी कस बोहाही अतका खर्चा म तो छत्तीसगढ़ अउ छत्तीसगढ़िया मन के तसवीर अउ तकदीर दूनो बदल जतीस। ए बखत तो मे ह सुनत हव कि फेर नवा रइपुर म पांच दिन के उछाह मनाही। जेमा बालीवुड के सिंगर सुखबिंदर सिंह अउ केके ह आके दू ठन गाना सुनाही अउ करोड़ों रुपया ल समेट के ले जाही। भले हमर छत्तीसढ़िया कलाकार मन ह टुकुर टुकुर देखत रही।
राज उछाह बर एक महिना पहिली ले तियारी शुरू हो जथे लेकिन धान खरीदी बर काही तियारी नइ होय। तेकर सेती किसान मन ल अपने कमइ के धान ल बेचे बर अउ पइसा बर घलो लाइन म लगे ल परथे। कभू सरवर ह ठप हो जथेे त कभू किसान मन ल धान भरे बर बोरा नइ मिलय। सरकार ह हर बखत चुनाव म किसान मन के धान ल 2100 रुपया म लेबो कही के भुलवारत आवत हे। फेर धान के रेट ह नइ बढ़हीस उही 11 रुपया किलो म बेचावत हे मतलब हमर किसान मन के धान के कीमत ह एक ठाेक पानी बाटल जेन ह 25 ले 30 रुपया म बेचाथे ओतको नइ हे। अब किसान के धान के मूल्य ह तो नइ बढ़हीस अउ उल्टा पेट्रोल-डीजल, ट्रेकटर, दवई अउ बीजहा धान के कीमत ह मड़माड़े बढ़ गे। तब अइसने म किसान ह करय त करय का। ए साल सरकार ह किसान मन ल एक क्वींटल के पाछू तीन सौ रुपया बोनस देके अइसन छाती ठोकत हे अउ अहसान जतावत हे। जइसे अब किसान मन ल कमायच ल नइ लागय। जे दिन हमर किसान मन के मुख ले उदासी के बादर ह साफ होही अउ खुशी के मड़माड़े बरसात होही। उही दिन छत्तीसगढ़ अउ छत्तीसगढ़िया मन के असली उछाह आही।
ए बखत एक ठोक अउ बात सुनत हव कि गुजरात के 18 ठोक इसटाल लगही कहीके मतलब छत्तीसगढ़ी संसकिरति ह तो पूरा नंदा गेहे जउन ह बाचे हे वहू ल गुजराती रंग म रंगे के कोसिस होवत हे। अउ छत्तीसगढ़ी भाखा ल लेकेे भासा आयोग बनाय अबड़ साल होगे फेर छत्तीसगढ़ी कोनो मेर लागू नइ होहे। तेकर सेती हमर भाखा अउ माटी के सुगंध ह सिरावत नजर आवत हे। जउन दिन छत्तीसढ़, छत्तीसगढ़िया अउ छत्तीसढ़ी के कदर होही उही दिन हमर छत्तीसगढ़ के नवा बिहान आही।

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