जबले छत्तीसगढ राज ह बने हे तब ले सरकार ह लगातार राज उछाह मनावत हे। भले किसान मन आत्महत्या करे, लइका मन ह भोकवा राहय, जवान टूरा-टूरी मन बेरोजगार घुमय, रसपताल म मरीज ह इलाज बिना तरस के मर जाय, मजदूर अउ किसान ल ओकर मेहनत के पइसा मत मिलय, इस्कूल कालेज म गुरुजी मत रहाय, भले सरकारी स्कूल अउ कालेज ल बंद करके प्राइवेट स्कूल कालेज के दलाली करे अउ कतेक समस्या ल आेरयाबे। इहा तो सरकार ह छत्तीसगढ़िया मन ल ठग के छत्तीसगढ़ ल बेचे म पूरा ताकत ल लगा देहे। जनता ल भुलवारे बर आनीबानी के जाल ल बिछावत हे। अब राज उछाह ल लेके रमन कका ह पइसा ल पानी कस बोहाही अतका खर्चा म तो छत्तीसगढ़ अउ छत्तीसगढ़िया मन के तसवीर अउ तकदीर दूनो बदल जतीस। ए बखत तो मे ह सुनत हव कि फेर नवा रइपुर म पांच दिन के उछाह मनाही। जेमा बालीवुड के सिंगर सुखबिंदर सिंह अउ केके ह आके दू ठन गाना सुनाही अउ करोड़ों रुपया ल समेट के ले जाही। भले हमर छत्तीसढ़िया कलाकार मन ह टुकुर टुकुर देखत रही।
राज उछाह बर एक महिना पहिली ले तियारी शुरू हो जथे लेकिन धान खरीदी बर काही तियारी नइ होय। तेकर सेती किसान मन ल अपने कमइ के धान ल बेचे बर अउ पइसा बर घलो लाइन म लगे ल परथे। कभू सरवर ह ठप हो जथेे त कभू किसान मन ल धान भरे बर बोरा नइ मिलय। सरकार ह हर बखत चुनाव म किसान मन के धान ल 2100 रुपया म लेबो कही के भुलवारत आवत हे। फेर धान के रेट ह नइ बढ़हीस उही 11
ए बखत एक ठोक अउ बात सुनत हव कि गुजरात के 18 ठोक इसटाल लगही कहीके मतलब छत्तीसगढ़ी संसकिरति ह तो पूरा नंदा गेहे जउन ह बाचे हे वहू ल गुजराती रंग म रंगे के कोसिस होवत हे। अउ छत्तीसगढ़ी भाखा ल लेकेे भासा आयोग बनाय अबड़ साल होगे फेर छत्तीसगढ़ी कोनो मेर लागू नइ होहे। तेकर सेती हमर भाखा अउ माटी के सुगंध ह सिरावत नजर आवत हे। जउन दिन छत्तीसढ़, छत्तीसगढ़िया अउ छत्तीसढ़ी के कदर होही उही दिन हमर छत्तीसगढ़ के नवा बिहान आही।
No comments:
Post a Comment