Tuesday, 7 February 2017

मोर गांव

मे जावत हव मोर गांव
दाई ददा ह लेवत होही मोर नाव
बड़ निख लागथे बर पीपर के छाव
गांव में बोवाय हाबे सबे डाहर धान
अतका सुंदर नई हे सहर बात ल तै जान।

चलत हे जिंहा सरर सरर पुरवाई
देखे ल मिलथे खुला आसमान
हाबय जंगल अव पखरा के खदान
सरग ले बड़ के हाबय संगी तै जान

इहा सुने ल मिलथे चिरई के बोली
नाहर के पानी ह गावत हाबे गीत
गाय गरवा, बैला भैसा घलो हाबय मीत
तेकर सेती मोर दिल म इहा के हाबय अबड़ पिरित।

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