Tuesday, 7 February 2017

नई सुबह अब दूर नहीं

शिक्षा गरीब के बच्चों की पहुंच से दूर है
जिस उम्र में उन्हें पढ़ना चाहिए
उस उम्र में वे काम करने को मजबूर है
इस भ्रष्ट सरकार को इससे क्या लेना-देना
शिक्षा को बेचने और जेब भरने में चूर है।

सरकार की दोगली शिक्षा नीति ने
शिक्षा को इतना महंगा कर दिया
सिर्फ अमीरजादों के बच्चे आगे बढ़ सकते है
गरीब के बच्चों के सपने हुए चकनाचूर है।

इस देश को आगे बढ़ाने वाला
गरीब किसान मजदूर है
इसकी देखभाल और विकास तो दूर की बात
अपनी सरकार तो मजदूर के बच्चे को
मजबूर बनाने के लिए मशहूर है।

समान शिक्षा की बात कहकर
शिक्षा को ही सामान बना दिया
इस देश के दलाल बनकर
उसे बाजार में बेच दिया।
असमान शिक्षा पाकर ही देश में
असमानता की बढ़ रही लकीर है

भेदभाव शोषण अन्याय अत्याचार
जब हो समाज में
तो समझ लो यह आजादी नहीं
गुलामी की जंजीर है।

आओ हम सब मिलकर इस जंजीर को तोड़े
जब सभी की ताकत मिले साथ में
एक नई सुबह नहीं अब ज्यादा दूर है।

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