देश में इतने पुजारी और भक्त है लेकिन दरिद्रता और गरीबी कम नही हुई बल्कि और बड़ गई। हमारी गरीबी और दरिद्रता का कारण यही है हम फालतू चीजो के लिए समय और धन नष्ट करते है। अब मीडिया ही लोगो को भर्मित करने का काम कर रहा है। लगता है पूरा ठेका मीडिया ले रखा है तभी तो हमेशा पाठको और दर्शकों को ज्योतिष, राशिफल, भूत प्रेत, जादू टोना, टोटके, नक्षत्र, पूजा पाठ, दीव्य शक्ति और गड़े धन जैसे चीजो में उलझा कर विज्ञान और वास्तविकता से दूर रखता है। लगता है पत्रकारिता अपना कर्तव्य को भूल गया है। पत्रकारिता के प्रमुख कार्य वास्तविकता को सामने लाना और अंधविश्वास का खंडन करना है। पाठको और दर्शकों का ज्ञान बढाना और सोचने समझने के लायक बनाना है। अब इसके बिलकुल उल्टा हो रहा है।
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